पूर्ण रूप से शाकाहारी भोज्य पदार्थ मशरूम (खुम्ब) का उत्पादन हाल के वषा] से दूसरे व्यवसायों की अपेक्षा कम समय में अधिक पैसा प्रदान करने वाले उद्योग के रूप में पनपा है। हालांकि ब़डे स्तर पर मशरूम उत्पादन के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है पर एक छोटे से कमरे में बहुत कम पूंजी लगाकर भी आप मोटा मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन इसके लिए यह अपेक्षित है कि मशरूम उगाने से पहले आपको इसकी खेती के बारे में कुछ बुनियादी बातों की जानकारी हो।
मशरूम मुख्यतः दो प्रकार के होते हैंः विषैले तथा विषरहित। आपने बारिश के दिनों में अपने आप उग जाने वाले कुछ मशरूम देखे होंगे, वो विषैले होते हैं, लेकिन वैज्ञानिक तरीके से घर या खेत में उगाए जाने वाले मशरूम विषरहित तथा पौष्टिक होते हैं। इनमें पौष्टिकता के साथसाथ खनिज, प्रोटीन तथा विटामिन्स का भी भंडार होता है तथा रोगकारक कोलेस्ट्रॉल, शक्कर और सोडियम जैसे तत्वों की मात्रा भी बहुत कम होती है, जिससे ये उच्च रक्तचाप व मधुमेह के रोगियों के लिए भी एक सुरक्षित खाद्य पदार्थ है।
विषरहित मशरूम की भी कई किस्में हैं, जिनमें से भारत में तीन प्रकार के मशरूम (पैडस्ट्रा मशरूम, सफेद बटन मशरूम तथा ढींगरी मशरूम) ही अधिक उगाए जाते हैं। इनमें भी ढींगरी मशरूम की खेती सबसे ज्यादा होती हैं, क्योंकि इसकी उपज दूसरे मशरूमों की अपेक्षा प्रति वर्ग मीटर २३ गुना अधिक मिलती है।
कितना करें पूंजी निवेश?
अगर आप घर में ही मशरूम उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए शुरुआती तौर पर १०००१५०० रुपये तक के खर्च में ही इसकी शुरुआत कर सकते हैं और शुरू में ही लागत से चार गुना तक लाभ कमा सकते हैं। कुछ ही समय बाद आप घर में ही मशरूम उगाकर हर महीने ५ से १५ हजार रुपये तक कमा सकते हैं। अगर आप ब़डे स्तर पर अर्थात् खेत में मशरूम उगाना चाहें तो इसके लिए सरकार द्वारा ऋृण की सुविधा भी प्रदान की जाती है, जिस पर करीब ३५ फीसदी तक सब्सिडी भी मिलती है।
लाभ की छतरी
मशरूम को हम ‘लाभ की छतरी’ इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि एक बार पॉलीथीन बैग में मशरूम के बीज उगाकर आप उसी से लगातार पांच बार तक फसल प्राप्त कर सकते हैं। पॉलीथीन बैग में मशरूम के बीज डालने के २०२२ दिन बाद ही पौधे में फूल आ जाते हैं, जो मशरूम की फसल कहलाते हैं। उसके ४५ दिन बाद ही पौधे में कलियां निकलनी शुरू हो जाती हैं। जब मशरूम का फूल पूरी तरह खिल जाए, तब उसे त़ोड लिया जाता ह्ै। एक बार मशरूम त़ोडने के बाद मशरूम वाले बैग में दोबारा पानी देने से १०१२ दिनों बाद फिर से फसल तैयार हो जाती है और इसी तरह यह प्रक्रिया पांच बार तक चलती है यानी एक बार की लागत में पांच बार फसल मिलती है।
कहां उगाएं मशरूम?
ब़डे स्तर पर मशरूम की खेती करने के लिए खेत का चुनाव कर सकते हैं, लेकिन अगर घर में ही मशरूम उगाना चाहें तो उसके लिए इस बात का ध्यान रखें कि जहां भी आप मशरूम उगाना चाहें, वहां का तापमान ठंडा होना चाहिए। आप घर के ही किसी खाली कमरे का भी मशरूम उत्पादन के लिए उपयोग कर सकते हैं, लेकिन यह अवश्य ध्यान रखें कि जहां भी आप इसका उत्पादन करना चाहें, उस कमरे में सूर्य की किरणें सीधी न पहुंचती हों और कमरे का तापमान २०३० डिग्री सेंटीग्रेड के बीच ही हो, कमरे में आर्द्रता (नमी) भी ६० प्रतिशत से अधिक हो।
कहां से प्राप्त करें कच्चा माल?
मशरूम उगाने के लिए चावल, गेंहू, जौ, ज्वार, बाजरा, मक्का, कपास, गन्ना इत्यादि की सूूखी पत्तियों, डंठल व भूसे की तथा कपास के व्यर्थ अवशेष पदाथा], मक्का के छिले हुए भुट्टों, मूंगफली के छिलकों, सूखी घास, इस्तेमाल की हुई चाय की पत्ती इत्यादि की जरूरत होती है और इस प्रकार के कृषि अवशेष हमें खेतों से आसानी से प्राप्त हो जाते हैं। इसके अलावा मशरूम के बीज आप बाजार से या किसी कृषि विज्ञान केन्द्र से खरीद सकते हैं।
कैसे करें बुवाई?
पानी में फार्मेलीन मिलाकर पानी को कीटाणुरहित करके इसमें उपरोक्त कच्चे माल (कृषि अवशेषों) को ८१० घंटे तक भिगो दें और इस अवशेष को पॉलीथीन के बैगों में भर दें। इन्हीं बैगों में बीचबीच में मशरूम के बीज डालते जाएं। बीजों को अंकुरित होने के लिए हवा मिलती रहे, इसके लिए पॉलीथीन बैगों में बीचबीच में कुछ सुराख कर दें। अब इन बैगों को ऊपर किसी सहारे से बांधकर लटका दें।
कितना मिलेगा उत्पादन?
अगर आप एक साधारण आकार के कमरे में मशरूम उगा रहे हैं, तो यह मानकर चलें कि आपको एक बार की लागत में मिलने वाली पांच बार की फसलों से ही ५००१००० किलो तक मशरूम प्राप्त हो जाएगाऔर चूंकि थोक बाजार में ही ताजी मशरूम का भाव ५५७० रुपये किलो तक है, अतः आपको ५० रुपये किलो के हिसाब से बिकने पर भी कम से कम २५०० रुपये की कीमत तो वसूल हो ही जाएगी।
कहांं बेचें?
आजकल कई प्रकार के देशीविदेशी व्यंजनों में मशरूम की खास डिमांड रहती है, अतः खासकर ब़डेब़डे होटल मशरूम के सबसे ब़डे ग्राहक है। इसलिए आप सीधे इन होटलों से सम्पर्क कर सकते हैं या फिर सब्जी मंडियों में ब़डे व्यापारियों को भी मशरूम बेच सकते हैं।
कहां से लें प्रशिक्षण?
अगर आप व्यावसायिक स्तर पर मशरूम का उत्पादन शुरू करना चाहते हैं, तो इसके लिए बेहतर हैं कि आप मशरूम की खेती वैज्ञानिक तरीके से करने के लिए इसका विधिवित प्रशिक्षण लें। अधिकांश कृषि विज्ञान महाविद्यालयों तथा कुछ निजी संस्थाआें द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जाता है, जो ५७ दिन का ही होता है और इसके लिए ५००२५०० रुपये तक ही फीस लगती है।
सर मुझे मसरूम कीखेती करनी है मै गुना में रहता हू मेरा नं़9753732736
जवाब देंहटाएंGive me mob no
जवाब देंहटाएंSir mera mob 9682530284 muje kheti karni dikhani h
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